क्या साहित्य समाज का दर्पण है

क्या साहित्य समाज का दर्पण है 



 साहित्य कोई मनोरंजन का  नहीं है बल्कि समाज में समस्याओं को प्रस्तुत करने का साधन भी है जिससे जीवन - समाज का मार्गदर्शन होता है दूसरे शब्दों में अगर साहित्य का अवलोकन किया जाए तो यह तथ्य आते हैं कि जैसा जीवन और समाज होता है उसी प्रकार  साहित्य की रचना होती है 



 साहित्य के उद्देश्य को लेकर आरंभ से ही दो प्रकार की धारणा एवं मान्यताएं प्रचलित रही है एक कलावादी दूसरी उपयोगितावादी l कलावती साहित्य कला का उद्देश्य प्रमुख साहित्यकार या कलाकार अपने आप को अभिव्यक्त करना ही स्वीकार करते हैं अर्थात मनोरंजन की दृष्टि से ही साहित्य की रचना करते हैं उसी प्रकार उपयोगितावादी जीवन दृष्टि को महत्व देने वाला है यही वर्ग साहित्य को समाज का दर्पण अर्थात जीवन समाज को प्रतिबिंबित करने का सर्वोत्कृष्ट साधन मानता है 


 जैसे व्यक्ति दर्पण में अपना चेहरा देख कर जान लिया करता है कि वह स्वस्थ हो रहा है या अस्वस्थ दुबला हो रहा है यह मजबूत,  सुंदर हो रहा है या सुंदर चेहरे पर कोई दाग वगैरह तो नहीं है पड़ गया है धूल तो नहीं जम गई आंखों की स्थिति कैसी थी है और हो रही है उसी प्रकार साहित्य समाज में उपस्थित अनेकों बुराइयों कुरीतियों के प्रति हमें मार्गदर्शन करता है 



 भारतीय साहित्य में साहित्यकारों और कवियों ने  आम जनमानस को समाज  में उपस्थित बुराइयों के  प्रति जागरूक किया है  अनेक कवियों ने अपनी साहित्य रचना से मार्गदर्शन किया है साहित्य को सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ कला इसी कारण माना जाता है कि उसमें मानव जीवन - समाज का प्रतिनिधित्व कर सकने की अपार संभावना है l वह जीवन समाज के उत्थान पतन दोनों का कारण बन सकता है सुधा साहित्यकारों का यह दायित्व होता है कि वह हमेशा जीवन समाज की उज्जवल वह जीवन समाज के उत्थान - पतन दोनों का कारण बन सकता है शो साहित्यकारों का यह दायित्व होता है कि वह हमेशा जीवन- समाज की उज्जवलता और उत्कर्ष का कारण बनता रहे l

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment

समान शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता

मनुष्य के जीवन में विकास का मुख्य स्रोत है शिक्षा शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है हमें जागरुक सचेत और विकास उन्मुख बनाने के लिए उत्तम व  समान...